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Thursday, November 10, 2011

Life


ज़िन्दगी का मीठा गाना गाते हुए,
चलता हु मैं,
हँसता हु मैं,
टूटी सी ताल हैं,
पर फिर भी,
गाता हु मैं, गुनगुनाता हु मैं,

ज़िन्दगी का मीठा गाना गाते हुए,
चलता हु मैं.

बंद आँखों से जो दुनिया देखि मैंने,
खुली आँखें ना वो देख पायी,
अंधेपन की चिरकालिक दौड़ में,
दुःख की दुःख से हुई लड़ाई,

र्हिमझिम जिसे ना छु पाए,
दर्द जिसे ना मिल पाए,
उसके गम को कोई क्या जाने,
धुप जिसे ना छु पाए.


ज़िन्दगी का मीठा गाना गाते हुए,
चलता हु मैं, हँसता हु मैं.

उन्चुई भावनाओ को लेकर,
सिसकती रात गुज़र गयी,
सूरज की हर किरण,
मुज्में यूँ मिल गयी,
थामे ज़िन्दगी का हाथ,
मैं आगे चला,
गाता अपना राग,
मैं आगे बढ़ा,

ज़िन्दगी का मीठा गाना गाते हुए,
चलता रहू मैं,
हँसता रहू मैं,
टूटी सी ही  ताल हो,
पर फिर भी,
गाता रहू मैं, गुनगुनाता रहू,

ज़िन्दगी का मीठा गाना गाते हुए,
चलता हु मैं.



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